सदियों पुराना है इस्तांबुल का ऐतिहासिक - “ग्रैंड बाजार”

Jitendra Kumar Sinha
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इस्तांबुल का ग्रैंड मार्केट, जिसे दुनिया भर में ग्रैंड बाजार के नाम से जाना जाता है, केवल एक खरीदारी स्थल नहीं है, बल्कि इतिहास, संस्कृति और वास्तुकला का जीवंत दस्तावेज है। 15वीं शताब्दी में ओटोमन साम्राज्य के सुल्तान मेहमत द्वितीय के शासनकाल के दौरान स्थापित यह बाजार आज भी उतनी ही शान के साथ खड़ा है, जितनी शान के साथ सदियों पहले इसका निर्माण किया गया था।

ग्रैंड बाजार की शुरुआत 1455 में एक छोटे से भवन के निर्माण से हुई थी, जिसका उद्देश्य व्यापार को बढ़ावा देना और स्थानीय कारीगरों को सुरक्षित स्थान देना था। धीरे-धीरे यह भवन आसपास की दुकानों और गलियों के साथ विस्तृत होता गया और 17वीं शताब्दी तक यह दुनिया के सबसे बड़े कवर मार्केट के रूप में विकसित हो गया। इस पूरे परिसर में ओटोमन स्थापत्य कला के उत्कृष्ट उदाहरण देखने को मिलते हैं कि गुंबदाकार छतें, भव्य मेहराबें और मनमोहक नक्काशी के साथ यह एक जीवंत ऐतिहासिक संग्रहालय जैसा प्रतीत होता है।

आज ग्रैंड बाजार लगभग 30,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला है और इसमें करीब 64 आपस में जुड़ी गलियां तथा 4000 से अधिक दुकानें हैं। यहाँ हर वह वस्तु मिल सकता है जिसकी कल्पना किसी पारंपरिक बाज़ार में कर सकते हैं, चमकदार तुर्की लैंप, हस्तनिर्मित कालीन, प्राचीन गहने, चमड़े के सामान, मसाले, पारंपरिक तुर्की मिठाइयां और सजावटी वस्तुएं। यह बाजार अपने अनोखे सौदेबाजी संस्कृति के लिए भी प्रसिद्ध है, जहाँ खरीदारी के साथ मानवीय संवाद और तुर्की मेहमाननवाजी का अनोखा अनुभव मिलता है।

ग्रैंड बाजार में कदम रखते ही ऐसा एहसास होता है मानो किसी दूसरी दुनिया में प्रवेश कर रहे हों। रंग-बिरंगी दुकानें, सुगंधित मसालों की खुशबू, कारीगरों की कला, और दुनिया भर से आए पर्यटकों की चहल-पहल। यह सब मिलकर बाजार को एक जीवंत उत्सव का रूप देता है। कई दुकानदार अपने परिवार की तीसरी या चौथी पीढ़ी के रूप में यहाँ व्यवसाय कर रहे हैं, जो इसे और भी ऐतिहासिक महत्व प्रदान करता है।

इतिहास में कई बार ग्रैंड बाजार ने बड़े भूकंपों और आग जैसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना किया है, लेकिन हर बार इसे पुनर्निर्मित कर और अधिक सुदृढ़ बनाया गया। यह बाजार न केवल ओटोमन साम्राज्य की व्यापारिक समृद्धि का प्रतीक है, बल्कि तुर्की की दृढ़ता और पुनर्निर्माण की क्षमता का भी सशक्त प्रमाण है।

ग्रैंड बाजार आज भी हर दिन लाखों कदमों की आहट सुनता है और अपनी गलियों में इतिहास की अनगिनत कहानियाँ समेटे हुए है। यह केवल सामान बेचने की जगह नहीं है, बल्कि सदियों पुरानी संस्कृति को जीवित रखने वाला धरोहर स्थल है। 



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